राजस्थान रा लोक देवता श्री देवनारायण
![]() |
राजस्थान रा लोक देवता श्री देवनारायण |
राजस्थान संता अर सूरवीरां री धरती मानीजै। ई धरती माथै केई संत अर सुरवीर हुया जै जन माणस री भळाई सारू घणों पूठरौ काम करया इणमें अेक नांव राजस्थान रा लोकचावा लोकदेवता देवनारायण रौ है। वारौ जलम वि.सं. ९६८ माघ शुक्ला सप्तमी वार थावर मांय मालासेरी गांव में हुयौ। वारै पिता बगड़ावत सवाई भोज अर माता रौ नांव साढू गुर्जरी हौ जकौ खटाणा गौत्र री बताई जावै। वांरी घरहाळी रौ नांव पीपलदे हौ जौ माळवा रै धार नरेश री राजकुमारी ही वारै टाबर रौ नांव बीला नै टाबरी रौ नांव बीली बताई जावै। भगवान देवनारायण जी रौ सरूप शासक अर सूर रूप में रैयौ। वारौ व्यक्तित्व भगती अर सगती रौ संगम है। इणी`ज कारण वारै हाथ में भळहळतो भाळो अर तलवार है। देवनारायण जी समाज विरोधी ताकतां रौ नास करण सारू कैई अत्याचारी राजावां सूं युद्ध करया आपरी भगती सूं कैई सिद्धियां प्राप्त करी वै आपरै इण करामातां सूं देवरूप बणग्या अर लोक समाज नै त्राण दिरावण री महताऊ भूमिका रो निभाव करयौ। वै छुआछूत अर ऊँच नीच रा घणा विरोधी हा। अर आपरै सागै उण समय अछूत समझी जाणै वाळी जातियाँ रा मोट्यारां नै राखतां थका ऐलान करया कै देवनारायण रा मन्दिरां मांय यै लोग ही सेवा पूजा करैला।आ घटनावां सूँ पतो लागै कै देवनारायण जी साधारण घर परिवार मांय पैदा होवण वाळा अर आपरा लोकसेवी अचरज भरिया कामां सूं असाधारण व्यक्तित्व रा धणी बण जावण वाळा लोकनायक हा। वानै आयुर्वेद रौ घणों मोटौ ज्ञान हौ जकौ दीन दुखियां रौ देशी जड़ी बुटियाँ सूं ईलाज करता। गुर्जर जाति वानै आपरी श्रद्धा सूँ भगवान विष्णु रौ अवतार,लीला घोड़ा रा असवार, उद्दल, देव महाराज, देवधणी, देवजी, इग्यारह कला रा अवतार,साढू रा लाल इत्यादि कैई नामां सूं पुकारै है।
कृष्ण री तरह देवनारायण भी गायां रा रखवाळा हा,वारै कनै ९८000 गायें ही । जद देवनारायण री गायां राण भिणाय रौ राणा घेऱ ले लग्यां, तौ देवनारायण गायां री रखवाळी खातर राणा सूं युद्ध कर्या अर गायां नै छुड़ावण ल्याया। देवनारायण रै सागै १४४४ ग्वाळां रौ बळ बतायौ गयौ है, जिणरौ काम गायां नै चरावण अर गायां री रखवाळी करणियौ हौ। देवनारायण नै आपणां अनुयायीयां नै गायां री रखवाळी रौ संदेसो दियौ।
राजस्थान मांय इणकै अनुयायीयां नै अलग-अलग ठिकाणा पर देवालय बणवाया है, जिणकौ देवरा भी कहवै है। यै देवरा अजमेर, चित्तौड़, भीलवाड़ा, अर टोंक मांय घणी मात्रा मांय है। देवनारायण रौ प्रमुख मंदिर भीलवाड़ा जिले मांय आसीन्द कस्बे रै नजदीक खारी नदी रै किनारा माथै महाराजा सवाई भोज रौ मिन्दर है। देवनारायण रौ एक प्रमुख देवालय निवाई तहसील रा जोधपुरिया गांव मांय मांसी नदी रै तट माथै है जिण पर घणा जातरू आपरी मन्नत लेर माथौ टैकने आवै है।
6 टिप्पणियां:
बहुत ही सहरानीय आलेख। बद्रीलाल जी आपको बहुत बहुत बधाई हो।
बहुत सुंदर लेखन किया है गुरुदेव आपने
बहुत सटीक जानकारी
Thanks sir
Thanks sir
Thanks sir
एक टिप्पणी भेजें