17 जुल॰ 2024

राजस्थान रा लोक देवता वीर तेजाजी महाराज

राजस्थान रा लोक देवता वीर तेजाजी महाराज


वीर तेजाजी महाराज

वीर तेजाजी महाराज


लेखक- बद्री लाल गुर्जर


इग्यारह सौ तीस माघ सुद्धि चौदस बधवार।

ताहड़ जी जाट रै घर तेजो जन्मयौ खरनाळ ।।

       

            आज सूं ९५१ बरस पैलां राजस्थान रा लोक देवता तेजाजी महाराज रौ जलम विक्रम संवत ११३० रै माघ महीनै री शुक्ल पक्ष चौदस वार बधवार यानी २९ जनवरी सन १०७४ नै राजस्थान रा नागौर जिला रा खरनाळ गाँव मांय धौल्या गौत्र रा जाट परिवार मै हुयो। ऊणां रै पिता रौ नांव ताहड़ जी अर मायड़ रौ नांव रामकुंवरी हौ। ताहड़ जी खरनाळ रै चौबीस गावां रा सिरदार हा। तेजा बाबा री जोड़ायत रौ नांव पैमल अर वांरि बहन रौ नांव राजल बाई सा नै वांरी घोड़ी रौ नांव लीलण हौ। 

      
 राजस्थान संतां सर सूरवीरां री धरती मानीजै। राजस्थान रा लोक देवता वीर तेजाजी महाराज रो सरूप संत अर सूर दोन्यूं रूपां में रैयौ। वांरो व्यक्तित्व भगती अर सगती रो संगम है। इणी`ज कारण वांरै हाथ में भळहळतो भाळो अर तलवार है। तेजाजी  समाज विरोधी ताकतां रौ नास करण सारू कैई अत्याचारी लौगां सूं युद्ध करया आपरी भगती अर सगती सूं देवरूप बणग्या अर लोक समाज नै त्राण दिरावण री महताऊ भूमिका रौ निभाव करयौ। साधारण घर परिवार मांय पैदा होवण वाळा अर आपरा लोकसेवी अचरज भरिया कामां सूं असाधारण व्यक्तित्व रा धणी बण जावण वाळा लोकनायक हा। जकौ वै आपरी वीरता, सत्यनिष्ठा अर परोपकार रै कारण पूज्या जावै है। बालपणां स्यूं ही वै साहसी अर न्यायप्रिय हा। ऊणां नै जीवन में केई घणां पूठरा  काम किदा, जकां में सहसूं छावौ काम वांरै सासरै पनैर री एक बाई नै वांरि घरवाळी पैमल री सखी लाछां गुर्जरी री  गायां नै डाकूआं सै बचावण रौ है। या घटना वांनै लोकनायक रै रूप में स्थापित कर दी। तेजाजी महाराज रै जीवन री कहानी में एक और महत्वपूर्ण घटना सर्पदंश री है। कैवै है कि वांनै एक सर्प स्यूं वचन करयो कि ऊं ऊणां रो डसण स्यूं मर जावैला। आपरा वचन रौ पालन करतां, ऊं सर्पदंश ने स्वीकार कियौ अर आपरा जीवन रौ बलिदान दीद्यो। या घटना ऊणां री सत्यनिष्ठा अर वचनबद्धता ने दर्शावै है। राजस्थान रै ग्रामीण क्षेत्रां में तेजाजी महाराज री पूजा बड़े धूमधाम स्यूं करिजै। वांनै किसान अर पशुपालक वर्ग रा संरक्षक देवता मान्या जावै है। हर बरस भादव रै शुक्ल पक्ष री दसमी नै हरैक गांव में वांरै मिंदरां में लोग सारी रात जागरण करै नै सबेरे भांत-भांत रा पकवाना रौ भोग लगाय नै पूजा करैं। अर काळा-बाळा सूं बचावण री अरदास इज करै है।

             

ऊणां रो प्रमुख मिंदर नागौर जिले रा खरनाळ गांव में स्थित है, जकौ हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आवै। 

           

नै दूजौ मिंदर राजस्थान री राजधानी जैपर सूं लगैठगै अेक सौ नौई किलोमीटर दूर नै अजमेर जिले री किशनगढ़ तहसील रा गांव सुरसुरा मांय तेजा बाबा रौ मंदिर है।इण मंदिर रौ आकरसण इण प्रांत में बसणियां लोगां में इतरो है कै हर आदम रै मन में आ हुक उठै`क एकर कै इण मंदिर नै जरूर देखणौ। इण मिंदर री न्यारी निरवाळी छिब, धौळा रंग में पुत्योड़ी इमारतां हर आदमी नै आप कांनी आकरसित करै। इण कारण देसी विदेसी सेलानियां रा झुंड रा झुंड आपनै इण मंदिर नै निरखता मिलसी अर वांरी चैल-पैल निजर आवै।

         

इण रै अलावा अठै तेजा प्रवेश द्वार, दादूराम आश्रम, तेजा सरोवर, लांछा बावड़ी, जाट विकास समिति धर्मशाला, तेजा विकास समिति धर्मशाला, तेजा चौक नै कैई दर्शनीय धाम है। अठै तेजाजी महाराज रै मान सारू मेला अर त्यौहार मनाया जावै है। वीर तेजाजी महाराज री कथा अर ऊणां री वीरता री कहाणियां राजस्थान री लोकसंस्कृति रौ अभिन्न अंग है। ऊणां रौ बलिदान अर वीरता री कहाणियां लोकगीतां,लोकनाटकां अर कहाणियां रा माध्यम स्यूं पीढ़ी दर पीढ़ी सुनाई जाती रही है। या कहाणियां स्यूं लोगां ने प्रेरणा मिलै है अर वांनै सत्यनिष्ठा, साहस अर परोपकार री ओर प्रेरित करै है। वीर तेजाजी महाराज न केवल राजस्थान रा लोक देवता है, बल्कि वै मानवीय मूल्यों अर आदर्शां रौ प्रतीक भी है। जनवाणी वांनै आपरी श्रद्धा सूं लीलण रा असवार, वीर तेजा, काळा-बाळा रा धणी,तेजा बाबा, तेजल तप धारी,पैमल रा भरतार दहलवाल जी महाराज इत्याद केई  विशेषणां सूं विभूषित करया है।


ऊणां री जीवन गाथा हमें सिखावै है कि सत्य, साहस अर वचनबद्धता स्यूं बढ़कर कांई नी है। राजस्थान री मिट्टी में बस्यौ ई वीर योद्धा रौ नांव सदियां स्यूं लोगां रा दिलां में बस्यौ है अर आवणवाळी पीढ़ियां भी इण स्यूं प्रेरणा लेती रेवैली।


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4 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

शानदार🙏🙏🙏

ANIL ने कहा…

बहुत ही सुंदर रचना

badrilal995.blogspot.com ने कहा…

Thanks sir

badrilal995.blogspot.com ने कहा…

Thanks sir

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