विचारों से परे चेतना की खोज- ध्यान की अंतिम अवस्था

विचारों से परे चेतना की खोज-ध्यान की अंतिम अवस्था

अन्य लेख पढें



विचारों से परे चेतना तक पहुँचने का अभ्यास करते हुए व्यक्ति का चित्र
विचारों से परे चेतना तक पहुँचने का अभ्यास।

लेखक- बद्री लाल गुर्जर

प्रस्तावना

ध्यान, मानव जीवन की वह यात्रा है जो केवल मानसिक शांति नहीं बल्कि अत्यधिक चेतना की अवस्था तक पहुँचने का मार्ग प्रशस्त करती है। आधुनिक विज्ञान और प्राचीन आध्यात्मिक शास्त्र दोनों ही इस बात को मानते हैं कि व्यक्ति केवल बाहरी दुनिया में ही नहीं बल्कि अपने अंतर्मन और चेतना के स्तर में भी यात्रा कर सकता है। यह लेख आपको ध्यान की अंतिम अवस्था, उसके लाभ, तकनीक और जीवन में उसके प्रभाव के बारे में विस्तृत जानकारी देगा।

चेतना और उसके स्तर

चेतना केवल जागरूकता का नाम नहीं है। यह मानव की आत्मा और आत्म-ज्ञान की गहन अनुभूति है।
चेतना को हम विभिन्न स्तरों में विभाजित कर सकते हैं-

सामान्य जागरूकता- रोजमर्रा की गतिविधियों में ध्यान।

स्व-अनुभव जागरूकता- अपने विचारों और भावनाओं को समझना।

गहन ध्यान- विचारों से परे चेतना तक पहुँचने का अभ्यास।

समाधि या अंतिम चेतना- पूर्ण शून्यता और ब्रह्मांड से एकत्व का अनुभव।

ध्यान की अंतिम अवस्था में व्यक्ति अपने आंतरिक और बाह्य संसार को अनुभव के माध्यम से समझता है। यह अवस्था मानसिक शांति, संतुलन और आंतरिक शक्ति का स्रोत है।

ध्यान का महत्व

ध्यान केवल मानसिक शांति के लिए नहीं है। इसके महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है

  • मानसिक शांति- तनाव, चिंता और भय से मुक्ति।
  • आत्मिक जागरूकता- अपने विचारों और भावनाओं को नियंत्रित करना।
  • सृजनात्मकता- मन की स्पष्टता और नवाचार की क्षमता बढ़ाना।
  • स्वास्थ्य लाभ- रक्तचाप कम करना, नींद में सुधार और प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करना।

ध्यान व्यक्ति को आत्म-जागरूकता की ओर ले जाता है और विचारों से परे चेतना की खोज में मार्गदर्शन करता है।

ध्यान की विभिन्न तकनीकें

ध्यान की तकनीकें प्राचीन समय से चली आ रही हैं। इनमें कुछ प्रमुख तकनीकें निम्नलिखित हैं:

मानसिक एकाग्रता

  • किसी एक बिंदु, शब्द या मंत्र पर ध्यान केंद्रित करना।
  • उदाहरण- ओम मंत्र जाप
  • लाभ- मन की विचलन क्षमता कम होती है और मानसिक शांति आती है।

श्वास पर ध्यान

  • श्वास की गति, लंबाई और गहराई पर ध्यान देना।
  • लाभ- मानसिक संतुलन, तनाव कम करना और शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाना।

विज़ुअलाइजेशन ध्यान

  • मन में किसी शांतिपूर्ण दृश्य या प्रकाश की कल्पना करना।
  • लाभ- सकारात्मक विचार और मानसिक स्पष्टता।

 समाधि या अज्ञानता की अवस्था

  • विचारों को पूरी तरह से रोकना और केवल शून्यता और चेतना में डूब जाना।
  • लाभ- आंतरिक आनंद, ब्रह्मांड के साथ एकता और आत्म-ज्ञान की अनुभूति।

विचारों से परे चेतना की खोज

ध्यान का सबसे गहन स्तर है- विचारों से परे चेतना
इस अवस्था में-

विचार और भावनाएं पीछे हट जाती हैं।

मानसिक शोर समाप्त होता है।

व्यक्ति ब्रह्मांडीय चेतना से जुड़ता है।

आत्मिक शांति और आनंद का अनुभव होता है।

यह अवस्था केवल नियमित अभ्यास और गहन ध्यान से ही प्राप्त होती है। इसे साधक कभी-कभी  अंतिम समाधि के रूप में अनुभव करता है।

ध्यान के लाभ

मानसिक लाभ

  • तनाव और चिंता में कमी
  • विचारों की स्पष्टता
  • निर्णय लेने की क्षमता में सुधार

शारीरिक लाभ

  • रक्तचाप नियंत्रण
  • नींद की गुणवत्ता बढ़ना
  • प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत

आध्यात्मिक लाभ

  • आत्म-ज्ञान की प्राप्ति
  • ब्रह्मांडीय चेतना का अनुभव
  • जीवन में संतुलन और शांति

ध्यान की प्रक्रिया

ध्यान की अंतिम अवस्था तक पहुँचने के लिए निम्नलिखित कदम अपनाए जा सकते हैं-

स्थिर स्थान का चयन- शांत और अंधेरा कम वाला स्थान।

सही मुद्रा- कमर सीधी, हाथ घुटनों पर।

सांसों पर ध्यान- श्वास को धीरे-धीरे महसूस करना।

मंत्र या फोकस-एक शब्द, ध्वनि या प्रकाश पर ध्यान लगाना।

धैर्य और नियमित अभ्यास- प्रतिदिन 20–40 मिनट।

 ध्यान में बाधाएँ और उनका समाधान

ध्यान की प्रक्रिया में कई बाधाएँ आती हैं जैसे-

बाधासमाधान
विचारों का विचलनश्वास या मंत्र पर पुनः ध्यान केंद्रित करें
शरीर में बेचैनीहल्की योगासन या स्ट्रेचिंग करें
समय की कमीदिन में 10–15 मिनट भी ध्यान लाभकारी है
धैर्य का अभावछोटे लक्ष्य बनाएं और नियमित अभ्यास करें

विज्ञान और ध्यान

आधुनिक न्यूरोसाइंस में यह सिद्ध हो चुका है कि ध्यान-

  • मस्तिष्क की सार्वभौमिक तरंगों को संतुलित करता है।
  • Alpha और Theta Waves में वृद्धि होती है।
  • Cortisol स्तर कम करता है और तनाव घटाता है।

इससे स्पष्ट है कि ध्यान केवल आध्यात्मिक अभ्यास नहीं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी लाभकारी है।

ध्यान और जीवन में उपयोग

ध्यान केवल साधना तक सीमित नहीं है। इसका प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र में दिखाई देता है:

  • कार्य जीवन में- मानसिक स्पष्टता और बेहतर निर्णय।
  • संबंधों में- धैर्य और सहानुभूति बढ़ना।
  • स्वास्थ्य में- तनाव और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार।
  • आध्यात्मिक जीवन में- आत्म-ज्ञान और चेतना की गहन अनुभूति।

 निष्कर्ष

विचारों से परे चेतना की खोज केवल ध्यान का लक्ष्य नहीं बल्कि जीवन का अंतिम उद्देश्य है।
ध्यान के माध्यम से हम अपने अंदर के असीमित स्रोतों, शांति और चेतना को खोज सकते हैं।

ध्यान की अंतिम अवस्था न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य देती है बल्कि हमें आत्म-ज्ञान और ब्रह्मांडीय चेतना की अनुभूति कराती है।




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

दैनिक आदतों की समीक्षा- आत्म-विकास की ओर एक सार्थक कदम